Hello Bloggers. this is my first post and I am posting something which is very close to my heart. do read and comment if you like it. वादा रहा आज दिल की बात सुनने को दिल किया, पर सुनके न भूल जानेका वादा रहा। आज फिरसे उसका ज़िक्र करने को दिल किया,  पर उस ज़िक्र का ज़िक्र किसीसे न करने का ऐडा रहा। आज खुदकी खामोसी तोड़नेको दिल किया,  पर ख़ामोशी का शोर अनसुना करनेका वादा रहा। आज उसे भुला के रोनेको दिल किया,  पर आंसू की आंच काम होगी वादा रहा। आज हिकायतो का सिलसिला ख़त्म करनेको दिल किया,  पर शिकायतों से सिकयत न होगी वादा रह। This Hindi poetry of mine is published in a Anthology named "Ulfat-E-Alfaaz. #writing#poetry#hindipoetry#blogger#Creatorshala#Creatorshalablogger#creator

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